अमरुद खाने के फायदे जानकार आप हैरान हो जाओगे

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अमरूद हमारे देश का एक प्रमुख फल है। हल्के हरे रंग का अमरूद खाने में मीठा होता है। इसके अंदर सैकड़ों की संख्या में छोटे-छोटे बीज होते हैं। अमरूद बेहद आसानी से मिल जाने वाला फल है।अमरूद ऐसा फल है जो आमतौर पर सभी को पसंद आता है। लेकिन इसे खाने से पहले लोगों के मन में यह बात आती है कि इसको खाने से नजला और जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आपको यह बात नहीं पता होगी कि इसे खाने से आपका पाचन तंत्र सही रहने के साथ-साथ आपका वजन भी कम हो जाएगा।

अमरुद में अधिक मात्रा में विटामिन सी, के,  मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते है। जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। साथ ही यह सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए लाभकारी है। यह एक चमत्कारी फल है। जानिए इसको खाने से क्या-क्या लाभ होगे आप अमरूद को सुबह व दोपहर को खा सकते है। दोपहर खाना खाने के 1 घंटे बाद आप अमरूद खा सकते है।रात को अमरुद नही खाना चाहि अमरूद में फ्रुक्टोज पाया जाता है।

जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए आप सुबह कसरत करने से पहले या बाद में इसे खा सकते है। अमरूद हमेशा पका हुआ ही खाना चाहिए और आप इसका जूस भी पी सकते है। अमरूद को आप को पूरा खाना चाहिए न की आधा काटकर किसी दूसरे के साथ बांटना चाहिए क्योंकि इसमें एक ऐसा बीज होता है। जो अमरूद के अन्य बीजों को पचने में सहायता प्रदान करता है और आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है अमरूद खाने के बाद आपको तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। वह न ही दूध पीना चाहिए। क्योंकि यह आपकी पाचन तंत्र को हानि पहुंचाता है। आप यह कोशिश करे कि अमरुद खाने के 1 घंटे तक आप कुछ भी नहीं खाएं। यह तभी आपके लिए फायदेमंद होता है।

अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती है। अगर बच्चों के पेट में कीड़े हो गए है।तो उन्हें भी अमरूद का सेवन जरूर कराएंअमरूद की पत्तियां चबाने से मुंह की बदबू कम हो जाती हैअमरूद सेहत के लिहाज से एक शानदार फल माना जाता है। अमरूद की तासीर ठंडी होती है। ये पेट की बहुत सी बीमारियों को दूर करने का रामबाण इलाज माना जाता है। अमरूद के सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके बीजों का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अमरूद में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है जिससे अनेक बीमारियों में फायदा होता है। आयुर्वेद में अमरूद और इसके बीजों के सेवन के कई लाभ गिनाए गए हैं।

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वृषण शुक्राणु निष्कर्षण -यह तकनीक एज़ोस्पर्मिया (कोई शुक्राणु) के पीछे के कारण का निदान करने में कुशल है. यह शुक्राणु निष्कर्षण के लिए पर्याप्त ऊतक भी प्राप्त करता है.

डाइट बेहतर करें, धूप में रहने दें 
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिली। विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए इमरजेंसी में सप्लीमेंट दे सकते हैं मगर उससे अच्छा है कि बच्चों की डाइट बेहतर करें। सबसे अधिक जरूरी धूप है। कम से कम 45 मिनट उसे रोजाना सुबह की धूप दें। धूप में ही सुबह होम वर्क कराएं और उसे खेलने दें।
– प्रो. अरुण कुमार आर्या, बाल रोग विभाग जीएसवीएम

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इस तरह हुआ रिसर्च
-120 बच्चे शामिल किए
-0-5 साल के बच्चे रिसर्च में लिए गए
-03 साल तक बच्चों की मॉनीटरिंग
-60 बच्चे दिखने में सामान्य स्वस्थ थे
-60 बच्चे कुपोषित और अति कुपोषित थे

यह रहा रिजल्ट
-30 फीसदी सामान्य दिखने वाले बच्चों में विटामिन डी की मात्रा बेहद कम
-विटामिन डी की मात्रा 70 फीसदी कुपोषित बच्चों में सामान्य से बेहद न्यूनतम स्तर पर मिली
-90 फीसदी अति कुपोषित यानी सीवियर एक्यूट मेलन्यूट्रीशन यानी सैम बच्चों में कम थी विटामिन डी

ankit1985

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