आयुर्वेदिक टिप्स – गाय के दूध से भी ज्यादा कैल्शियम हड्डियों को बनाता है मजबूत

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शरीर की हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। इसलिए बढ़ती उम्र के बच्चों की डाइट में कैल्शियम युक्त आहार को प्राथमिकता दी जाती है। इससे हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। उम्र बढ़ने से साथ शरीर की हड्डियां कैल्शियम खोने लगती हैं, जिससे दर्द के साथ और कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर उम्र के लोगों के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

दूध को एक संपूर्ण आहार माना जाता है इसलिए बच्चों को दूध दिया जाता है जिससे उनके शरीर में पोषक तत्वों और कैल्शियम की जरुरत को पूरा किया जा सके। लेकिन एक उम्र के बाद लोग दूध कम लेने लगते हैं या फिर बिल्कुल ही नहीं लेते हैं। दूध या फिर अन्य डेयरी प्रोडक्ट में फैट ज्यादा होने की वजह से भी कुछ लोग इन्हें लेने से परहेज करते हैं। शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप दूध या डेयरी प्रोडक्ट की जगह कुछ और भी ले सकते हैं जिससे शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सकता है।

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डॉक्टरों के मुताबिक, तिल के बीज शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं। गाय के दूध के मुकाबले तिल में 10 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है। शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आप हरी सब्जियां, बीन्स, साबुत अनाज, अनाज आदि को डाइट में शामिल करके कैल्शियम की मात्रा को पूरा कर सकते हैं।

कैल्शियम की कमी से क्या परेशानियां होती हैं? उम्र बढ़ने से साथ हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है। ये परेशानी महिलाओं में ज्यादा होती है। कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण नहीं होता है। लोग कैल्शियम की कमी को पूरा करने लिए टैबलेट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन यह सही नहीं रहता है। इसकी जगह कैल्शियम युक्त आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए।

 अर्क – अर्क या अकव्वा/आंकड़ा बेहद ही उपयोगी औषधि है. आयुर्वेद में इसे जड़ी-बूटियों का पारद कहा जाता है.

-इसकी जड़ की छाल ट्यूमर, सिस्ट, एब्सेस और सभी घावों में बेहद लाभ पहुंचाती है. इसे केवल एक चुटकी मात्रा में शहद के साथ लिया जाता है.

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– इसके पत्तों को गरम करके एड़ी पर बांधने से एडिय़ों का दर्द ठीक हो जाता है. इसके पत्तों से निकलने वाले दूध को चुभे हुए कांटे या अन्य कोई वस्तु जैसे कांच आदि पर लगाने से वह स्वतः बाहर निकल आती है.

-इसके फूल की पंखुडिय़ों को निकालकर बचे हुए भाग को पान में रखकर चूसने से पीलिया और अन्य यकृत रोगों में बहुत आराम मिलता है.

कचनार – यह अक्सर बगीचों में लगा होता है. यह बेहद खूबसूरत पौधा बहुत काम का है. इसकी पत्तियों का आकार थायरॉइड से बहुत मिलता है इसलिए थायरॉइड की समस्या में यह बेहद उपयोगी औषधि है और थायरॉइड के लिए बनाई जाने वाली सभी दवाओं में इसे डाला जाता है. इसकी पत्ती और छाल विशेष उपयोगी होती है जिनका चूर्ण या काढ़ा प्रयोग किया जाता है. विभिन्न प्रकार के ट्यूमर्स में भी इसकी छाल और पत्तियों का चूर्ण लाभदायक है.

(डॉ. नुस्खे )
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