गुर्दे ,पेशाब की नली व किडनी में पथरी होने के कारण, लक्षण व उपचार

  1. गुर्दे की पथरी होने के कारण

लीवर के ठीक नीचे थैली के आकार का एक अंग होता है, उसे ही पित्ताशय कहा जाता है। इस थैली में पित्त (Bile) होता है, जो हरे-पीले रंग का तरल पदार्थ होता है। यह पाचन में मदद करता है। जब इस थैली में जरूरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, तो वो पथरी का रूप ले लेता है। ये पथरी क्रिस्टल बॉल की तरह होती है, जो दाने के आकार से लेकर कंचे के आकार तक बड़ी हो सकती है इस समस्या के होने पर भारी दर्द हो सकता है, जिसे सहन करना मुश्किल हो सकता है।

  • अधिक उम्र के व्यक्तियों को भी पित्त की पथरी का खतरा रहता है।
  • अगर परिवार में किसी व्यक्ति को पित्त की पथरी की समस्या रही हो, तो परिवार के अन्य सदस्य को भी होने का खतरा रहता है। सरल भाषा में कहें, तो यह आनुवंशिक भी है।
  • पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को पित्ताशय की पथरी का खतरा रहता है। साथ ही गर्भवती महिलाएं व जो महिलाएं गर्भ निरोधक दवाइयों का सेवन कर रही हैं, उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।
  • अधिक वजन होने से या मोटापे के कारण भी हो सकता है।
  • जो ज्यादा फैटी खाद्य पदार्थ या जंक फूड का सेवन करते हैं या सही डाइट नहीं लेते हैं।
  • जो तेजी से वजन कम कर रहे हों या जिन्होंने तेजी से वजन कम किया हो।
  • बोन मेरो और ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी इसका कारण बन सकता है।
  • मधुमेह से जूझ रहे व्यक्ति को पित्त में पथरी हो सकती है।
  • पित्ताशय की थैली में पर्याप्त पित्त का न होने पर भी यह समस्या हो सकती है। ऐसा अधिकतर गर्भावस्था के दौरान होता है।
  • लीवर सिरोसिस और पित्तशय पथ के संक्रमण से भी ऐसा हो सकता है।
  • चिकित्सा की ऐसी स्थिति, जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं नष्ट हो रहा हों।
  1.     गुर्दे में पथरी के लक्षण 
  • पेट के दाहिने तरफ ऊपरी भाग में असहनीय दर्द
  • दर्द का घंटों तक रहना
  • बुखार
  • पीलिया
  • उल्टी या मितली की समस्या
  • पेट फूलने की समस्या

बने रहें हमारे साथ

पित्त की पथरी के लक्षण जानने के बाद अब हम नीचे पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार बताएंगे।

गुर्दे की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपाय

  1.  नाशपाती का जूस

सामग्री :

  • आधा गिलास नाशपाती का रस
  • आधा गिलास गर्म पानी
  • दो चम्मच शहद

उपयोग की विधि:

  • गर्म पानी में नाशपाती के रस और शहद को अच्छी तरह से मिलाएं।
  • इस जूस को गर्मा-गर्म पिएं।
  • एक दिन में तीन बार इस जूस को पी सकते हैं।
  1. नींबू का रस

सामग्री :

  • एक चम्मच नींबू का रस
  • एक गिलास गुनगुना पानी

उपयोग की विधि:

  • एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर सेवन करें।
  • इसे दिन में तीन से चार पी सकते हैं।
  1. सेब का जूस

सामग्री :

  • एक या दो सेब
  • चीनी (आवश्यकतानुसार)

उपयोग की विधि:

  • पहले सेब को अच्छी तरह धो लें।
  • इसके बाद सेब को काटकर उसके बीज निकाल दें।
  • फिर उसे तब तक उबालें, जब तक कि वो नर्म न हो जाए।
  • जब सेब उबलकर नर्म हो जाए, तो इसे मिक्सर में डालकर जूस बना लें।
  • फिर छानकर गिलास में निकाल लें और चीनी मिलाकर सेवन करें।
  • रोज एक से दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।

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ankit1985

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